कुम्हार का परिश्रम || बच्चों के लिए नैतिक कहानियां || Moral Stories In Hindi

कुम्हार का परिश्रम 1 कुम्हार का परिश्रम || बच्चों के लिए नैतिक कहानियां || Moral Stories In Hindi

बच्चों के लिए नैतिक कहानियां

( कुम्हार का परिश्रम )

एक छोटे से गांव में एक गरीब कुम्हार रहा करता था जो अपनी जिंदगी मिट्टी की चिलम बनाकर उसे कमाए गए पैसों से गुजरा करता था ऐसे ही कुछ समय बीतता गया परंतु कुम्हार चिलम से कमाए हुए पैसों से अपना घर का गुजारा नहीं चला पा रहा था एक दिन जब कुम्हार अपनी चिलम बना रहा था तो एक महात्मा उसकी कुटिया के सामने आए और कुम्हार से भिक्षा की मांग की परंतु कुमार के पास देने को कुछ भी नहीं था क्योंकि कुमार गरीब था और जितने भी पैसे कमाता था वह सिर्फ खाने में ही खर्च हो जाते थे महात्मा ने कहा कि है कुम्हार तुम इसी मिट्टी से चिलम ना बनाकर पानी के लिए घड़े बनाओ इससे कुम्हार कमाई भी अच्छी होगी और तुम्हारी आर्थिक स्थिति भी सुधर जाएगी कुम्हार ने महात्मा की बात को मानकर उसी दिन से मिट्टी के घड़े बनाना शुरू कर दिया देखते ही देखते कुम्हार की हर रोज अच्छी कमाई होती और सारे घड़े भी बिक जाते है…

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